यूपीएससी एग्जाम में कैसे क्वेश्चन आते हैं

यूपीएससी (UPSC) एग्जाम, जिसे सिविल सेवा परीक्षा भी कहते हैं, भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों लोग इस एग्जाम में बैठते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं। अगर आप भी यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं, तो ये जानना बहुत ज़रूरी है कि एग्जाम में किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इस आर्टिकल में, हम आपको बताएंगे कि यूपीएससी एग्जाम में कैसे क्वेश्चन आते हैं और आपको तैयारी कैसे करनी चाहिए।
यूपीएससी एग्जाम का पैटर्न
यूपीएससी एग्जाम तीन चरणों में होता है:
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination): यह पहला चरण है और इसमें दो पेपर होते हैं – सामान्य अध्ययन (General Studies) पेपर I और सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) पेपर II। यह परीक्षा सिर्फ़ क्वालिफ़ाइंग होती है, यानी इसके नंबर फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ते।
- मुख्य परीक्षा (Main Examination): जो लोग प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं, वे मुख्य परीक्षा में बैठते हैं। इसमें नौ पेपर होते हैं, जिनमें निबंध, सामान्य अध्ययन के चार पेपर, एक वैकल्पिक विषय (optional subject) के दो पेपर और दो भाषा के पेपर शामिल हैं।
- साक्षात्कार (Interview): जो लोग मुख्य परीक्षा पास करते हैं, उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में, उम्मीदवारों की पर्सनैलिटी, सोचने की क्षमता और सामान्य ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा में कैसे क्वेश्चन आते हैं?
प्रारंभिक परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप (Objective type) क्वेश्चन पूछे जाते हैं, यानी हर क्वेश्चन के लिए चार विकल्प दिए होते हैं और आपको सही विकल्प चुनना होता है।
सामान्य अध्ययन पेपर I
इस पेपर में निम्नलिखित विषयों से क्वेश्चन आते हैं:
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: इसमें प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, आधुनिक भारत और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- भारत और विश्व का भूगोल: इसमें भारत और विश्व के भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल से जुड़े क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- भारतीय राजनीति और शासन: इसमें भारतीय संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति और अधिकारों से जुड़े मुद्दे शामिल होते हैं।
- आर्थिक और सामाजिक विकास: इसमें सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि से जुड़े क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- पर्यावरण और पारिस्थितिकी: इसमें पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन आदि से जुड़े क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- सामान्य विज्ञान: इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के बेसिक क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- करंट अफेयर्स: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाओं से जुड़े क्वेश्चन भी पूछे जाते हैं।
सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) पेपर II
यह पेपर आपकी एप्टीट्यूड (Aptitude) और रीजनिंग (Reasoning) क्षमताओं का परीक्षण करता है। इसमें निम्नलिखित प्रकार के क्वेश्चन आते हैं:
- बोधगम्यता (Comprehension): आपको एक पैराग्राफ दिया जाएगा और आपको उस पर आधारित क्वेश्चन के जवाब देने होंगे।
- संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल (Interpersonal skills including communication skills): इसमें संचार, टीम वर्क और नेतृत्व से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं।
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical reasoning and analytical ability): इसमें लॉजिकल रीजनिंग और डेटा एनालिसिस से जुड़े क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- निर्णय लेना और समस्या समाधान (Decision-making and problem-solving): इसमें आपको विभिन्न परिस्थितियों में निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने के लिए कहा जाएगा।
- सामान्य मानसिक योग्यता (General mental ability): इसमें नंबर सिस्टम, एलसीएम, एचसीएफ, अनुपात और समानुपात जैसे बेसिक मैथ्स के क्वेश्चन शामिल होते हैं।
- बुनियादी संख्यात्मक ज्ञान (Basic numeracy): (संख्याएँ और उनके संबंध, परिमाण के क्रम आदि) (कक्षा दसवीं स्तर), डेटा इंटरप्रिटेशन (चार्ट, ग्राफ़, टेबल, डेटा पर्याप्तता आदि – कक्षा दसवीं स्तर)
मुख्य परीक्षा में कैसे क्वेश्चन आते हैं?
मुख्य परीक्षा में निबंधात्मक (Essay type) क्वेश्चन पूछे जाते हैं, यानी आपको विस्तृत उत्तर लिखने होते हैं। हर पेपर 250 अंकों का होता है।
निबंध (Essay)
इस पेपर में आपको दो निबंध लिखने होते हैं, प्रत्येक 125 अंकों का। निबंध किसी भी विषय पर हो सकता है, जैसे कि सामाजिक मुद्दे, आर्थिक मुद्दे, राजनीतिक मुद्दे, पर्यावरण के मुद्दे, आदि।
सामान्य अध्ययन पेपर I
इस पेपर में निम्नलिखित विषयों से क्वेश्चन आते हैं:
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू
- आधुनिक भारतीय इतिहास अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक – महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे
- स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से महत्वपूर्ण योगदानकर्ता/योगदान
- स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर एकीकरण और पुनर्गठन
- विश्व इतिहास में अठारहवीं शताब्दी की घटनाएं जैसे औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुन: सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि और उनके प्रभाव
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता
- महिलाओं और महिला संगठन की भूमिका, जनसंख्या और संबंधित मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और समाधान
- भारतीय समाज पर वैश्वीकरण के प्रभाव
- सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता
- विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं
- भारत सहित प्रमुख स्थानों (जल-निकाय और वनस्पति सहित) का वितरण
- भूभौतिकीय घटनाएं जैसे भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि, चक्रवात आदि, भौगोलिक विशेषताएं और उनका स्थान – महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-निकाय और वनस्पति सहित) में परिवर्तन और इन परिवर्तनों के प्रभाव
सामान्य अध्ययन पेपर II
इस पेपर में निम्नलिखित विषयों से क्वेश्चन आते हैं:
- भारतीय संविधान – ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना
- संघ और राज्यों के कार्य और उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र और संस्थान
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना
- संसद और राज्य विधायिका – संरचना, कार्य, व्यवसाय का संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य – सरकार के मंत्रालय और विभाग; दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और शासन प्रणाली पर उनके प्रभाव
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व
- सांविधिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय
- सरकारी नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे
- विकास प्रक्रियाएं और विकास उद्योग – गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, परोपकारी संस्थानों, सामुदायिक भागीदारी की भूमिका
- केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन; इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान और निकाय
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे
- गरीबी और भूख से संबंधित मुद्दे
- शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता और जवाबदेही और संस्थागत और अन्य उपाय
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका
- भारत और उसके पड़ोसी – संबंध
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करते हैं
- विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव; भारतीय डायस्पोरा
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच – उनकी संरचना, जनादेश
सामान्य अध्ययन पेपर III
इस पेपर में निम्नलिखित विषयों से क्वेश्चन आते हैं:
- भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाना, विकास, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे
- समावेशी विकास और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे
- सरकारी बजट
- भारत में प्रमुख फसलें – विभिन्न प्रकार की सिंचाई और सिंचाई प्रणाली; कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन और विपणन और संबंधित मुद्दे और बाधाएं; किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी
- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे; सार्वजनिक वितरण प्रणाली – उद्देश्य, कामकाज, सीमाएं, सुधार; बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दे; प्रौद्योगिकी मिशन; पशुपालन से संबंधित अर्थशास्त्र
- खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग – दायरा और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- भारत में भूमि सुधार
- अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण का प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव
- बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे आदि
- निवेश मॉडल
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी – विकास और अनुप्रयोग और रोजमर्रा की जिंदगी पर उनके प्रभाव
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीक विकसित करना
- जागरूकता – आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी और बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में
- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन
- आपदा और आपदा प्रबंधन
- विकास और फैलाव के बीच संबंध
- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती पैदा करने वाले उग्रवाद के विभिन्न रूप
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना
- सुरक्षा चुनौतियां और सीमावर्ती क्षेत्रों में उनका प्रबंधन – संगठित अपराध का आतंकवाद से संबंध
- विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां और उनके जनादेश
सामान्य अध्ययन पेपर IV
इस पेपर में नैतिकता, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि से संबंधित क्वेश्चन आते हैं।
- नैतिकता और मानव इंटरफ़ेस: मानव कार्यों में नैतिकता का सार, निर्धारक और परिणाम; नैतिकता – निजी और सार्वजनिक संबंधों में
- मानव मूल्य – महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और उपदेशों से सबक; मूल्यों को विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका
- अभिरुचि और नींव मूल्य नागरिक सेवा के लिए, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहनशीलता और करुणा
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता- अवधारणाएं, और प्रशासन और शासन में उनकी उपयोगिता और अनुप्रयोग
- भारत और विश्व के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान
- सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और नैतिक मुद्दे: निम्नलिखित मुद्दों में नैतिकता का अभाव और भ्रष्टाचार: सूचना का प्रकटीकरण, आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक चार्टर, कार्य संस्कृति, सेवा की गुणवत्ता, सार्वजनिक धन का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां
- शासन में नैतिकता: शासन प्रणाली में नैतिक और नैतिक आयाम; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे; निगम प्रशासन
- केस स्टडी
वैकल्पिक विषय (Optional Subject)
आपको अपनी रुचि के अनुसार कोई भी एक वैकल्पिक विषय चुनना होता है। वैकल्पिक विषय के दो पेपर होते हैं, प्रत्येक 250 अंकों का।
साक्षात्कार (Interview)
साक्षात्कार में, उम्मीदवारों की पर्सनैलिटी, सोचने की क्षमता और सामान्य ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है। साक्षात्कार 275 अंकों का होता है।
तैयारी कैसे करें?
यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं:
- सिलेबस को समझें: सबसे पहले यूपीएससी एग्जाम के सिलेबस को अच्छी तरह से समझें।
- स्टडी मटेरियल इकट्ठा करें: सिलेबस के अनुसार स्टडी मटेरियल इकट्ठा करें।
- नियमित रूप से पढ़ें: नियमित रूप से पढ़ें और नोट्स बनाएं।
- पिछले सालों के पेपर हल करें: पिछले सालों के पेपर हल करें ताकि आपको एग्जाम पैटर्न का पता चल सके।
- मॉक टेस्ट दें: मॉक टेस्ट दें ताकि आप अपनी तैयारी का मूल्यांकन कर सकें।
- करंट अफेयर्स पर ध्यान दें: करंट अफेयर्स पर ध्यान दें और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की घटनाओं से अपडेट रहें।
- उत्तर लेखन का अभ्यास करें: मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन का अभ्यास करें।
- आत्मविश्वास रखें: आत्मविश्वास रखें और सकारात्मक रहें।
कुछ अतिरिक्त टिप्स
- समाचार पत्र और पत्रिकाएं पढ़ें: द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस जैसे समाचार पत्र और योजना, कुरुक्षेत्र जैसी पत्रिकाएं पढ़ें।
- एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें: कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें।
- इंटरनेट का उपयोग करें: इंटरनेट पर उपलब्ध स्टडी मटेरियल का उपयोग करें।
- कोचिंग क्लास ज्वाइन करें: अगर आपको जरूरत है तो कोचिंग क्लास ज्वाइन करें।
- अपने दोस्तों और परिवार से बात करें: अपने दोस्तों और परिवार से बात करें और उनसे मदद लें।
निष्कर्ष
यूपीएससी एग्जाम एक मुश्किल एग्जाम है, लेकिन सही तैयारी और लगन से आप इसे पास कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि यूपीएससी एग्जाम में कैसे क्वेश्चन आते हैं और आपको तैयारी कैसे करनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
यूपीएससी एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग होती है?
हाँ, प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है। हर गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाते हैं। मुख्य परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है।
यूपीएससी एग्जाम में कितने अटेम्प्ट मिलते हैं?
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 6 अटेम्प्ट मिलते हैं, ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को 9 अटेम्प्ट मिलते हैं, और एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को कोई अटेम्प्ट लिमिट नहीं है।
यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए कितना समय चाहिए?
यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए कम से कम 1-2 साल का समय चाहिए।
क्या यूपीएससी एग्जाम के लिए कोचिंग जरूरी है?
यूपीएससी एग्जाम के लिए कोचिंग जरूरी नहीं है, लेकिन यह आपकी तैयारी में मदद कर सकती है।