नौली क्रिया कैसे करते हैं

नौलि क्रिया एक प्राचीन योगिक तकनीक है जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह क्रिया दिखने में थोड़ी मुश्किल लग सकती है, लेकिन सही तकनीक और अभ्यास से इसे आसानी से किया जा सकता है। मैं, एक योगा प्रशिक्षक के तौर पर, आपको नौलि क्रिया को सही तरीके से करने के बारे में विस्तार से बताऊंगा।
नौलि क्रिया क्या है?
नौलि क्रिया, जिसे कभी-कभी “पेट मंथन” भी कहा जाता है, हठ योग की षट्कर्म क्रियाओं में से एक है। षट्कर्म क्रियाएं शरीर को शुद्ध करने और ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए की जाती हैं। नौलि क्रिया विशेष रूप से पेट के अंगों को उत्तेजित करती है, पाचन अग्नि को बढ़ाती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है।
नौलि क्रिया के फायदे
नौलि क्रिया के कई शारीरिक और मानसिक फायदे हैं:
- पाचन क्रिया में सुधार: यह पेट के अंगों को मालिश करके पाचन क्रिया को उत्तेजित करती है, जिससे भोजन आसानी से पचता है।
- कब्ज से राहत: नौलि क्रिया आंतों की गतिशीलता को बढ़ाती है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है।
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाना: यह पेट की मांसपेशियों को टोन करती है और उन्हें मजबूत बनाती है।
- शरीर को डिटॉक्स करना: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है।
- तनाव कम करना: यह तंत्रिका तंत्र को शांत करती है और तनाव को कम करने में मदद करती है।
- ऊर्जा का स्तर बढ़ाना: यह शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाती है, जिससे आप अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं।
नौलि क्रिया करने का सही तरीका
नौलि क्रिया को चार मुख्य चरणों में विभाजित किया जा सकता है:
1. तैयारी (उड्डियान बंध)
नौलि क्रिया शुरू करने से पहले उड्डियान बंध करना जरूरी है। उड्डियान बंध में पेट को अंदर की ओर खींचा जाता है।
- सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को थोड़ा अलग रखें।
- अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें और थोड़ा आगे झुकें।
- गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- सांस छोड़ने के बाद, अपने पेट को अंदर की ओर खींचें जैसे कि आप अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की हड्डी से छूना चाहते हैं।
- अपनी सांस को रोककर रखें और कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें।
- धीरे-धीरे अपने पेट को ढीला छोड़ें और सांस लें।
- इसे 2-3 बार दोहराएं।
2. मध्य नौलि (सेंट्रल एब्डोमिनल आइसोलेशन)
उड्डियान बंध के बाद, पेट की मांसपेशियों को अलग करने की कोशिश करें।
- उड्डियान बंध की स्थिति में रहें।
- अपने पेट की मांसपेशियों को इस तरह से अलग करें कि पेट के बीच में एक उभार दिखाई दे।
3. वामा नौलि (लेफ्ट साइड एब्डोमिनल आइसोलेशन)
मध्य नौलि के बाद, पेट की मांसपेशियों को बाईं ओर अलग करने की कोशिश करें।
- उड्डियान बंध और मध्य नौलि की स्थिति में रहें।
- अपने पेट की मांसपेशियों को बाईं ओर इस तरह से अलग करें कि पेट का बायां हिस्सा उभरा हुआ दिखाई दे।
4. दक्षिणा नौलि (राईट साइड एब्डोमिनल आइसोलेशन)
वामा नौलि के बाद, पेट की मांसपेशियों को दाईं ओर अलग करने की कोशिश करें।
- उड्डियान बंध और मध्य नौलि की स्थिति में रहें।
- अपने पेट की मांसपेशियों को दाईं ओर इस तरह से अलग करें कि पेट का दायां हिस्सा उभरा हुआ दिखाई दे।
नौलि चालन (एब्डोमिनल रोटेशन)
एक बार जब आप वामा और दक्षिणा नौलि करने में सहज हो जाएं, तो आप नौलि चालन का अभ्यास कर सकते हैं। नौलि चालन में पेट की मांसपेशियों को गोलाकार गति में घुमाया जाता है।
- उड्डियान बंध की स्थिति में रहें।
- अपनी पेट की मांसपेशियों को पहले बाईं ओर और फिर दाईं ओर घुमाएं।
- इस क्रिया को धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से करें।
- कुछ बार दक्षिणावर्त (Clockwise) और कुछ बार वामावर्त (Anti-Clockwise) घुमाएं।
शुरुआती लोगों के लिए सुझाव
- शुरूआत में, नौलि क्रिया को 2-3 बार ही करें। धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाकर आप इसे 5-10 बार तक कर सकते हैं।
- अगर आपको चक्कर आ रहा है या असहज महसूस हो रहा है, तो तुरंत रुक जाएं।
- नौलि क्रिया को खाली पेट ही करें। भोजन के बाद इसे न करें।
- अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो नौलि क्रिया शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
सावधानियां
निम्नलिखित स्थितियों में नौलि क्रिया नहीं करनी चाहिए:
- गर्भावस्था
- मासिक धर्म
- उच्च रक्तचाप
- हृदय रोग
- पेट में अल्सर
- आंतों की समस्या
निष्कर्ष
नौलि क्रिया एक शक्तिशाली योगिक तकनीक है जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है। सही तकनीक और नियमित अभ्यास से आप नौलि क्रिया के कई लाभों का अनुभव कर सकते हैं। याद रखें, धैर्य रखें और धीरे-धीरे अभ्यास करें। जल्दबाजी न करें। यदि आपको कोई संदेह है, तो एक योग्य योगा प्रशिक्षक से मार्गदर्शन लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
नौलि क्रिया करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
नौलि क्रिया करने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है।
क्या नौलि क्रिया हर कोई कर सकता है?
नहीं, नौलि क्रिया हर कोई नहीं कर सकता। गर्भवती महिलाओं, मासिक धर्म वाली महिलाओं, उच्च रक्तचाप वाले लोगों और पेट की समस्याओं वाले लोगों को नौलि क्रिया नहीं करनी चाहिए।
नौलि क्रिया सीखने में कितना समय लगता है?
नौलि क्रिया सीखने में लगने वाला समय व्यक्ति से व्यक्ति पर निर्भर करता है। कुछ लोग इसे कुछ हफ्तों में सीख सकते हैं, जबकि दूसरों को महीनों लग सकते हैं।
क्या नौलि क्रिया से वजन कम किया जा सकता है?
नौलि क्रिया सीधे तौर पर वजन कम नहीं करती है, लेकिन यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है, जो वजन घटाने में सहायक हो सकती है।
क्या नौलि क्रिया घर पर सीखी जा सकती है?
हां, नौलि क्रिया को घर पर सीखा जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप सही तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। एक योग्य योगा प्रशिक्षक से सीखना सबसे अच्छा है।