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गणेश जी का जन्म कब और कैसे हुआ

भगवान गणेश, जिन्हें गणपति और विनायक के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे प्रिय और पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। उन्हें ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में जाना जाता है। गणेश जी की पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी का जन्म कब और कैसे हुआ? उनके जन्म से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आइए इन कथाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गणेश जी का जन्म कब और कैसे हुआ

गणेश जी के जन्म की कथाएं

गणेश जी के जन्म को लेकर कई अलग-अलग कहानियां प्रचलित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं इस प्रकार हैं:

पार्वती जी द्वारा निर्माण

सबसे लोकप्रिय कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने अपने शरीर के मैल से गणेश जी का निर्माण किया था। एक बार जब भगवान शिव तपस्या में लीन थे, तो पार्वती जी को स्नान करते समय अपनी रक्षा के लिए किसी सेवक की आवश्यकता महसूस हुई। इसलिए उन्होंने अपने शरीर के मैल से एक बालक का निर्माण किया और उसे द्वार पर पहरा देने का आदेश दिया। उन्होंने उस बालक को यह भी आदेश दिया कि वह किसी को भी अंदर न आने दे।

जब भगवान शिव वापस आए, तो गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया क्योंकि वे पार्वती जी के आदेश का पालन कर रहे थे। भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश जी को पहचानने से इनकार कर दिया। दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर काट दिया।

जब पार्वती जी को इस घटना के बारे में पता चला, तो वे बहुत दुखी हुईं और उन्होंने भगवान शिव से गणेश जी को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया। भगवान शिव ने अपनी गलती का एहसास किया और उन्होंने गणेश जी को पुनर्जीवित करने का फैसला किया। उन्होंने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे उत्तर दिशा में जाएं और उन्हें जो पहला जीव मिले, उसका सिर ले आएं। सेवकों को एक हाथी मिला और वे उसका सिर ले आए। भगवान शिव ने उस हाथी के सिर को गणेश जी के शरीर से जोड़ दिया और इस प्रकार गणेश जी को नया जीवन मिला।

शिव और पार्वती के पुत्र

एक अन्य कथा के अनुसार, गणेश जी भगवान शिव और पार्वती के पुत्र थे। देवताओं ने शिव और पार्वती से एक ऐसे पुत्र की कामना की, जो सभी बाधाओं को दूर करने वाला हो। उनकी प्रार्थना सुनकर, भगवान शिव और पार्वती ने गणेश जी को जन्म दिया।

इस कथा के अनुसार, गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसी कारण से, इस तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

विष्णु जी द्वारा आशीर्वाद

एक और कथा यह बताती है कि गणेश जी का जन्म भगवान विष्णु के आशीर्वाद से हुआ था। ऋषि दुर्वासा ने एक बार देवी पार्वती को एक फल दिया था और कहा था कि इसे खाने से उन्हें एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति होगी। पार्वती ने वह फल भगवान विष्णु को दे दिया, और विष्णु जी ने उसे वापस पार्वती को दे दिया। जब पार्वती ने उस फल को खाया, तो उन्हें गणेश जी की प्राप्ति हुई।

गणेश जी के जन्म का महत्व

गणेश जी के जन्म की कथाएं हमें कई महत्वपूर्ण संदेश देती हैं:

  • माता-पिता का प्रेम: गणेश जी की कथा हमें माता-पिता के प्रेम और त्याग की भावना को दर्शाती है। पार्वती जी ने अपने पुत्र के लिए भगवान शिव से युद्ध किया और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास किया।
  • कर्तव्यनिष्ठा: गणेश जी अपनी माता के प्रति कर्तव्यनिष्ठ थे। उन्होंने उनकी आज्ञा का पालन किया और किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया, भले ही वह भगवान शिव ही क्यों न हों।
  • ज्ञान और बुद्धि: गणेश जी को ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है। उनकी कथा हमें ज्ञान और बुद्धि के महत्व को दर्शाती है।
  • बाधाओं का निवारण: गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है बाधाओं को दूर करने वाला। उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होता है और दस दिनों तक चलता है।

गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्तियां स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इन दस दिनों में, गणेश जी को विभिन्न प्रकार के व्यंजन अर्पित किए जाते हैं, जिनमें मोदक सबसे महत्वपूर्ण है। गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन, गणेश जी की मूर्तियों को जल में विसर्जित किया जाता है।

निष्कर्ष

गणेश जी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। उनके जन्म से जुड़ी कथाएं हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण संदेश देती हैं। गणेश जी की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी का त्योहार गणेश जी के प्रति हमारी श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

गणेश जी की पूजा क्यों की जाती है?

गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।

गणेश चतुर्थी कितने दिनों तक चलती है?

गणेश चतुर्थी दस दिनों तक चलती है।

गणेश जी को कौन सा व्यंजन सबसे प्रिय है?

गणेश जी को मोदक सबसे प्रिय है।

गणेश विसर्जन क्या है?

गणेश विसर्जन गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन गणेश जी की मूर्तियों को जल में विसर्जित करने की प्रक्रिया है।