गणेश स्थापना कैसे की जाती है

गणेश चतुर्थी भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है, और इसे पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश स्थापना, यानी भगवान गणेश की मूर्ति को घर में स्थापित करना, इस उत्सव का एक अहम हिस्सा है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि गणेश स्थापना कैसे की जाती है, ताकि आप भी इस शुभ अवसर को सही तरीके से मना सकें।
गणेश स्थापना के लिए तैयारी
गणेश स्थापना की तैयारी कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। इसमें सबसे पहले यह तय करना होता है कि आप किस प्रकार की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं – मिट्टी की मूर्ति, प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति, या कोई अन्य। मिट्टी की मूर्ति पर्यावरण के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह पानी में आसानी से घुल जाती है।
मूर्ति के अलावा, आपको कुछ और चीजों की भी जरूरत होगी, जैसे:
- एक साफ चौकी या मंच
- लाल कपड़ा
- चावल
- कलश (पानी से भरा हुआ)
- नारियल
- पान के पत्ते
- सुपारी
- दूर्वा घास (हरी घास)
- फूल
- दीपक और अगरबत्ती
- मोदक (भगवान गणेश का पसंदीदा भोग)
- फल
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण)
गणेश स्थापना की विधि
गणेश स्थापना के लिए सबसे शुभ समय मध्याह्न काल (दोपहर का समय) होता है। यहां गणेश स्थापना की चरण-दर-चरण विधि दी गई है:
- सबसे पहले, एक साफ चौकी या मंच तैयार करें। इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- कपड़े के ऊपर थोड़े से चावल रखें।
- कलश को पानी से भरें और उसके ऊपर नारियल रखें। कलश को चौकी के बीच में रखें।
- अब, भगवान गणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
- मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
- मूर्ति को चंदन का टीका लगाएं और फूल चढ़ाएं।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- भगवान गणेश को मोदक और फल का भोग लगाएं।
- गणेश मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
गणेश मंत्र
गणेश स्थापना के दौरान आप कई गणेश मंत्रों का जाप कर सकते हैं। कुछ लोकप्रिय मंत्र इस प्रकार हैं:
- “ॐ गं गणपतये नमः”
- “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”
- “गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम् । उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥”
गणेश स्थापना के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
गणेश स्थापना करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- मूर्ति को हमेशा साफ और शुद्ध स्थान पर स्थापित करें।
- स्थापना के दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें।
- भगवान गणेश को हमेशा प्रेम और भक्ति के साथ पूजें।
- स्थापना के दौरान कोई भी नकारात्मक विचार मन में न लाएं।
- मूर्ति को नियमित रूप से साफ करें और उस पर फूल चढ़ाएं।
गणेश विसर्जन
गणेश चतुर्थी के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। विसर्जन का मतलब है मूर्ति को पानी में डुबो देना। विसर्जन के लिए, मूर्ति को किसी नदी, तालाब या समुद्र में ले जाया जाता है। विसर्जन से पहले, भगवान गणेश की आरती की जाती है और उनसे आशीर्वाद मांगा जाता है।
विसर्जन करते समय, यह ध्यान रखना चाहिए कि पानी प्रदूषित न हो। इसलिए, मिट्टी की मूर्ति का विसर्जन सबसे अच्छा माना जाता है। यदि आप प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप इसे किसी विशेष विसर्जन कुंड में ही डालें।
गणेश स्थापना का महत्व
गणेश स्थापना एक बहुत ही शुभ कार्य है। यह भगवान गणेश को अपने घर में आमंत्रित करने का एक तरीका है। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेश स्थापना करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यह एक ऐसा अवसर है जब परिवार और दोस्त एक साथ आते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह प्रेम, भक्ति और एकता का त्योहार है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
गणेश स्थापना के लिए सबसे अच्छी मूर्ति कौन सी है?
मिट्टी की मूर्ति पर्यावरण के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है क्योंकि यह पानी में आसानी से घुल जाती है।
गणेश स्थापना किस दिन करनी चाहिए?
गणेश स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन करनी चाहिए, जो भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।
क्या हम घर पर गणेश विसर्जन कर सकते हैं?
हां, आप घर पर भी गणेश विसर्जन कर सकते हैं। इसके लिए, आप एक टब में पानी भरकर मूर्ति को उसमें विसर्जित कर सकते हैं। बाद में, उस पानी को पौधों में डाल दें।
गणेश स्थापना के दौरान कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए?
आप “ॐ गं गणपतये नमः” या “वक्रतुण्ड महाकाय” जैसे गणेश मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
गणेश स्थापना एक पवित्र और शुभ कार्य है। इसे सही तरीके से करके, आप भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि ला सकते हैं। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको गणेश स्थापना की विधि को समझने में मददगार साबित होगा। गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!